इसके तहत 3 सुविधाएं शुरू की गई हैं. इनमें फेसलेस असेसमेंट , फेसलेस अपील और टैक्सपेयर्स चार्टर शामिल हैं. फेसलेस असेसमेंट और टैक्सपेयर्स चार्टर 13 अगस्त से लागू हो गए हैं. जबकि फेसलेस अपील की सुविधा 25 सितंबर से लागू होगी. इस नए सिस्टम के जरिये ईमानदार टैक्सपेयर्स को मजबूत करने की कोशिश की जा रही है.
टैक्सपेयर चार्टर का मतलब क्या है?
पीएम मोदी ने टैक्सपेयर चार्टर को देश की विकास यात्रा में एक बड़ा कदम कहा है. वह बोले कि यह टैक्सपेयर के अधिकार और कर्तव्यों को संतुलित करने का कदम है. टैक्सपेयर को इस स्तर का सम्मान और सुरक्षा देने वाले बहुत ही कम गिने चुने देश हैं और अब भारत भी उसमें शामिल हो गया है. टैक्सपेयर की बात पर विश्वास करना होगा.
उन्होंने कहा कि अगर किसी पर शक है तो टैक्सपेयर को अब अपील और समीक्षा का अधिकार दिया गया है. इस चार्टर में टैक्सपेयर से कुछ अपेक्षाएं भी की गई हैं. मोदी बोले कि टैक्स देना और सरकार के लिए टैक्स लेना हक का विषय नहीं, बल्कि ये दोनों की जिम्मेदारी है.
क्या हैं टैक्सपेयर चार्टर के मुख्य उद्देश्य:
करदाताओं के साथ उचित व्यवहार :
करदाताओं के साथ टैक्स विभाग उचित और स्नेह पूर्वक व्यवहार करेगा.
सामान्य जन की ईमानदारी पर विश्वास:
इनकम टैक्स विभाग सभी करदाताओं पर विश्वास करेगी. उन्हें ईमानदार के तौर पर देखा जाएगा.
अपील और समीक्षा की सुविधा:
टैक्स विभाग उचित व पारदर्शी अपील और समीक्षा की व्यवस्था उपलब्ध कराएगा.
सटीक जानकारी मुहैया कराना:
करदाता टैक्स कानूनों का अनुपालन कर सकें, इसके लिए विभाग सटीक जानकारी मुहैया कराएगा.
समय से फैसले लेना:
विभाग इनकम टैक्स से जुड़े हर मामले में कानून के तहत निर्धारित समय में फैसला लेगा.
टैक्स की सही रकम कलेक्ट करना:
विभाग केवल टैक्स के तौर पर बकाया रकम को ही कलेक्ट करेगा.
करदाताओं की गोपनीयता का सम्मान करना:
अगर किसी तरह की पूछताछ, जांच या कार्रवाई की जरूरत पड़ती है तो विभाग इसमें पूरी सतर्कता बरतेगा. डिपार्टमेंट टैक्सपेयर की ओर से दी गई जानकारी का खुलासा नहीं करेगा.
अथॉरिटीज की जवाबदेही तय करना:
विभाग अपने कार्यों के लिए अपनी जवाबदेही तय करेगा.
शिकायत करने की व्यवस्था:
विभाग टैक्सपेयर्स को शिकायत करने के लिए व्यवस्था मुहैया कराएगा. इन शिकायतों का समय से निपटान किया जाएगा.
न्यायपूर्ण व्यवस्था उपलब्ध करना:
समय रहते टैक्स से जुड़े विभिन्न मसलों का निपटारा करने के लिए विभाग उचित और पारदर्शी व्यवस्था मुहैया कराएगा.
टैक्स कम्प्लायंस की लागत घटाना:
टैक्स से जुड़ी मुकदमेबाजी के मामले में विभाग कम्लायंस की लागत को ध्यान में रखेगा.
क्या है करदाताओं से उम्मीद?
ईमानदार रहें और ईमानदारी से टैक्स दें:
करदाताओं से उम्मीद है कि वे सभी जानकारियों का खुलासा करेंगे और अपनी टैक्स देनदारी को चुकाएंगे.
सूचित रहें:
करदाताओं से अपेक्षा है कि वे अपनी टैक्स देनदारियों के प्रति सजग रहें और जरूरत पड़ने पर विभाग से मदद लें.
सटीक रिकॉर्ड रखें:
करदाताओं से अपेक्षा है कि वे कानून के अनुसार अपने रिकॉर्डों को ठीक से रखें.
जानें कि प्रतिनिधि उनकी ओर से क्या करते हैं:
टैक्सपेयर्स से उम्मीद है कि वे जानें कि उनके अधिकृत प्रतिनिधि क्या सूचनाएं दे रहे हैं.
समय से प्रतिक्रिया दें:
करदाताओं से अपेक्षा है कि वे समय से अपनी चीजों को जमा करें.
समय से टैक्स भुगतान करें:
लोगों से समय से अपना टैक्स जमा करने की अपेक्षा की गई है.
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